अर्ज़ करू मैं एक तुमसे | By Sanjeev Kumar (Hans)
अर्ज़ करू मैं एक तुमसे ओ मेरे श्याम धणी
एक बार आओ मेरे अंगना ओ मेरे श्याम धणी
अर्ज़ करू मैं एक तुमसे.........
अरमां यही एक मन में है
रहता है ये दिल इसी धुन में है
आने से तेरे बहार आये
खिल जाये फूल चमन में है
कोना कोना महका दो ओ मेरे श्याम धणी
अर्ज़ करू मैं एक तुमसे.........
पलकें अपनी बिछाऊँ मैं श्याम
बागा तुझे पहनाऊं मैं श्याम
छप्पन भोग बनाऊं हे श्याम
हाथों से अपने खिलाऊँ मैं श्याम
तेरा भजन करू गुणगान करू ओ मेरे श्याम धणी
अर्ज़ करू मैं एक तुमसे.........
Arz Karu Main Ek Tumse | By Sanjeev Kumar (Hans)
Arz Karu Main Ek Tumse O Mere Shyam Dhani
Ek Baar Aao Mere Angna O Mere Shyam Dhani
Arz Karu Main Ek Tumse…………..
Armaa Yahi Ek Man Mein Hai
Rehta Hai Ye Dil Isi Dhun Mein Hai
Aane Se Tere Bahar Aaye
Khil Jaye Phool Chaman Mein Hai
Kona Kona Mehka Do O Mere Shyam Dhani
Arz Karu Main Ek Tumse…………..
Palken Apni Bichhaun Main Shyam
Baaga Tujhe Pehnaaun Main Shyam
Chhappan Bhog Banaaun He Shyam
Haathon Se Apne Khilaaun Mian Shyam
Tera Bhajan Karu Gungaan Karu O Mere Shyam Dhani
Arz Karu Main Ek Tumse…………..