हारा हूँ मैं तो मोहन | By Priyanshu Joshi
हारा हूँ मैं तो मोहन तू ही मुझे जिता दे
मंज़िल मुझे मिलेगी तेरे एक ही इशारे
हारा हूँ मैं तो मोहन..............
अपनों की क्या बताएं सबने दगा किया है
जिनसे भी साथ माँगा सबने मन किया है
रिश्ता हमारा बाबा तू ही तो अब निभा दे
हारा हूँ मैं तो मोहन................
क्या क्या बताऊँ मोहन मेरी ज़िन्दगी में क्या है
ग़म का अँधेरा बाबा चारों और से घिरा है
अश्कों की अब ये धारा बाबा तू ही मिटा दे
हारा हूँ मैं तो मोहन.................
कर्मो की ये ज़ंजीरें फंदा बनी पड़ी हैं
तोडूं मैं कैसे बाबा मजबूत ये बड़ी है
भानु के इस गुनाह को बाबा तू ही भुला दे
हारा हूँ मैं तो मोहन.............
Haara Hoon Main To Mohan | By Priyanshu Joshi
Haara Hun Main To Mohan Tu Hi Mujhe Jita De
Manzil Mujhe Milegi Tere Ek Hi Ishare
Haara Hun Main To Mohan………….
Apno Ki Kya BatayenSabne Daga Kiya Hai
Jinse Bhi Saath Maanga Sabne Mana Kiya Hai
Rishta Hamara Baba Tu Hi To Ab Nibha De
Haara Hun Main To Mohan………….
Kya Kya Bataaun Mohan Meri Zindagi Mein Kya Hai
Gam Ka Andhera Baba Chaaro Aur Se Ghira Hai
Ashqo Ki Ab Ye Dhaara Baba Tu Hi Mita De
Haara Hun Main To Mohan………….
Karmo Ki Ye Zanjeere Fanda Bani Padi Hai
Todu Main Kaise Baba Mazboot Ye Badi Hai
Bhanu Ke Is Gunah Ko Baba Tu Hi Bhula De
Haara Hun Main To Mohan………….