इतनी सी अरज़ मेरी | By Kanchi Bhargava
इतनी सी अर्ज़ मेरी सुनलो मेरे मुरारी
तेरे चरणों में ही गुज़रे.....मेरे श्याम
तेरे चरणों में ही गुज़रे मेरी उम्र ये सारी
इतनी सी अर्ज़ मेरी सुनलो मेरे मुरारी
तुम साथ बाबा मेरे फिर कैसा मुझको डर है
हर हार का ठिकाना बाबा तुम्हारा दर है
यूँ ही साथ चलते रहना मेरे सांवरे बिहारी
तेरे चरणों में ही गुज़रे मेरी उम्र ये सारी
इतनी सी अर्ज़ मेरी सुनलो मेरे मुरारी
तेरी सेवा में रहूँगा, सुख चैन से जियूँगा
गर दूर जो किया तो फिर मैं ना जी सकूंगा
मेरी ज़िन्दगी के मालिक रहे किरपा बस तुम्हारी
तेरे चरणों में ही गुज़रे मेरी उम्र ये सारी
इतनी सी अर्ज़ मेरी सुनलो मेरे मुरारी
रूबी रिधम की इतना दिया खुशियों का खज़ाना
ना याद आता अब तो मतलब का वो ज़माना
तेरे भजनो बिन अधूरी है ज़िन्दगी हमारी
तेरे चरणों में ही गुज़रे मेरी उम्र ये सारी
इतनी सी अर्ज़ मेरी सुनलो मेरे मुरारी
Itni Si Araz Meri | By Kanchi Bhargava
Itni Si Arz Meri Sunlo Mere Murari
Tere Charno Mein Hi Guzre…..Mere Shyam
Tere Charno Mein Hi Guzre Meri Umariya Saari
Itni Si Arz Meri Sunlo Mere Murari
Tum Saath Baba Mere Phir Kaisa Mujhko Dar H ai
Har H aar Ka Thikana Baba Tumhara Dar Hai
Yun HI Saath Chalte Rehna Mere Sanwre Bihari
Tere Charno Mein Hi Guzre Meri Umariya Saari
Itni Si Arz Meri Sunlo Mere Murari
Teri Sewa Main Rahunga, Sukh Chain Se Jiyunga
Gar Door Jo Kiya To Phir Main Na Jee Sakunga
Meri Zindagi Ke Maalik Rahe Kripa Bas tumhaari
Tere Charno Mein Hi Guzre Meri Umariya Saari
Itni Si Arz Meri Sunlo Mere Murari
Roby Ridham Ko Itna diya Khuhyon Ka Khazana
Na Yaad Aata Ab To Matlab Ka Wo Zamana
Tere Bhajno Bin Adhuri Hai Zindagi Hamari
Tere Charno Mein Hi Guzre Meri Umariya Saari
Itni Si Arz Meri Sunlo Mere Murari