मैं क्या करूं | By Rajmani Arya
कभी देखा ना किसी का नसीबा
कभी देखा नहीं ऐसा नसीबा
ओ.. जैसे लिखा विधाता ने मेरा
क्या करूं... क्या करूं... क्या करूं
मैं क्या करूं... क्या करूं... क्या करूं
कभी देखा ना किसी का नसीबा......
बालसखा कुछ ऐसे थे, ना गइया ना पैसे थे
मन चंचल था बचपन का, जिद माखन की कर बैठा
धर्म यारी का मैंने निभाया....2
जो दुनिया ने मुझको बताया
क्या करूं... क्या करूं... क्या करूं
मैं क्या करूं... क्या करूं... क्या करूं
वे खुला रोज नहाती थी, शर्म नहीं आती थी
उनको सबक सिखाना था, कपड़े मुझे छुपाना था
कैसा दुनिया ने मुझको सताया....2
देखो छलिया रे मुझको बताया
क्या करूं... क्या करूं... क्या करूं
मैं क्या करूं... क्या करूं... क्या करूं
कौरव भी मुझे प्यारे थे, पांडव बड़े दुलारे थे
लेकिन एक मजबूरी थी धर्म अधर्म की दूरी थी
महाभारत को रोक नहीं पाया, दोष सारा मेरे सर पर आया
कुल नाशक यह मोहन कहलाया
क्या करूं... क्या करूं... क्या करूं
मैं क्या करूं... क्या करूं... क्या करूं
कभी देखा ना किसी का नसीबा.....
Main Kya Karun | By Rajmani Arya
Kabhi Dekha Na Kisi Ka Naseeba
Kabhi Dekha Nahi Aisa Naseeba
O…Jaisa Likha Vidhata Ne Mera
Kya Karu…Kya Karu….Kya Kru
Main Kya Karu…Kya Karu….Kya Kru
Kabhi Dekha Na Kisi Ka Naseeba
Bal Sakha Kuch Aise The, Na Gaiya Na Paise The
Man Chanchal Tha Bachman Ka, Zid Makhan Ki Kar Baitha
Dharm Yaari Ka Maine Nibhaya…2
Jo Duniya Ne Mujhko Bataya
Kya Karu…Kya Karu….Kya Kru
Main Kya Karu…Kya Karu….Kya Kru
Ve Khula Roz Nahati Thi, Sharm Nahi Aati Thi
Unko Sabak Sikhana Tha, Kapde Mujhe Chhupana Tha
Kaisa Duniya Ne Mujhko Sataya….2
Dekho Chhaliya Re Mujhko Bataya
Kya Karu…Kya Karu….Kya Kru
Main Kya Karu…Kya Karu….Kya Kru
Kaurav Bhi Mujhe Pyare The, Pandav Bade Dulare The
Lekin Ek Majburi Thi, Dharm Adharm Ki Doori Thi
Mahabharta Ko Rok Nahi Paya, Dosh Sara Mere Sar Par Aaya
Kul Nashak Ye Mohan Kehlaya
Kya Karu…Kya Karu….Kya Kru
Main Kya Karu…Kya Karu….Kya Kru
Kabhi Dekha Na Kisi Ka Naseeba…….