दो पल | by Reshmi Sharma
हमारे साथ दो पल तुम बिता लोगे तो क्या होगा
हमें नज़दीक तुम अपने बिठा लोगे तो क्या होगा
तुम्हारे रास्ते पे हम बिछाए खुद को बैठे हैं
उठा कर के हमें सीने लगा लोगे तो क्या होगा
ना मेरे करम अच्छे है ना मेरे भाव सच्चे हैं
मगर फिर भी हमें बाबा निभा लोगे तो क्या होगा
मेरी दीवानगी बाबा दिखावा सोचती दुनिया
अगर सच से ज़रा पर्दा हटा दोगे तो क्या होगा
मैं प्यासा हूँ ज़माने से तालाब है प्यार की तेरे
मेरी इस प्यास को माधव बुझा दोगे तो क्या होगा
Do Pal | by Reshmi Sharma
Hamare Saatho Do Pal Tum Bita Loge To Kya Hoga
Hame Nazdeek Tum Apne Bitha Loge To Kya Hoga
Tumhare Raaste Pe Hum Bichhaye Khud Ko Baithe Hain
Utha Kar Ke Hame Seene Laga Loge To Kya Hoga
Naa Mere Karam Achche Hain Naa Mere Bhaav Sachche Hain
Magar Phir Hame Baba Nibha Loge To Kya Hoga
Meri Deewangi Baba Dikhava Sochti Duniya
Agar Sach Se Zara Parda Hata Doge To Kya Hoga
Main Pyasa Hun Zamane Se Talab Hai Pyar Ki Tere
Meri Is Pyas Ko Madhav Bujha Doge To Kya Hoga