मुझे अपनी शरण में ले लो राम | By Gyanendra Sharma |
मुझे अपनी शरण में ले लो राम,
ले लो राम।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम।
द्वार तिहारे आन् पड़ा हूँ,
मेरी खबरिया ले लो राम,
ले लो राम।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम,
ले लो राम।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम।
इस जग ने मुझको ठुकराया,
मीत कोई न तुमसा पाया।
दुख संताप मिटा कर मेरे,
नज़र दया की ले लो राम,
मेरे राम।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम,
ले लो राम।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम।
जब-जब जिसने तुम्हें पुकारा,
पल में आकर दिया सहारा।
बनकर चाकर रहूँ आपकी,
सेवा में हर पल निष्काम,
मेरे राम।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम,
ले लो राम।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम।
चरण धूल की महिमा न्यारी,
छुवत पाव शिला भई नारी।
और न कुछ मैं तुमसे चाहूँ,
निज चरणन में ले लो राम,
ले लो राम।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम,
ले लो राम।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम।
द्वार तिहारे आन् पड़ा हूँ,
मेरी खबरिया ले लो राम,
ले लो राम।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम,
ले लो राम।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम।
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