तुम्हारे हैं हम | by Sona Jadhav
क्या पाया है दर तेरे आके तू जाने या मैं जानू
मिलता है क्या तुमको रिझा कर तू जाने या मैं जानू
सब चाहते हैं जीत जहाँ में किसको पसन् यहाँ हारना
क्या जीता हूँ खुद को हरा कर तू जाने या मैं जानू
मिलता है क्या तुमको रिझा कर तू जाने या मैं जानू
अपनी हस्ती कर दी समर्पित तेरे नाम की ज्योत में
निखरा हूँ मैं खुद को बुझा कर तू जाने या मैं जानू
मिलता है क्या तुमको रिझा कर तू जाने या मैं जानू
प्रेम समर्पण की है पूँजी तुझपे लुटा दी सांवरे
प्रेम समर्पण की सब पूँजी तुझपे लुटा दी सांवरे
कितना धनी हूँ सबकुछ लुटा के तू जाने या मैं जानू
मिलता है क्या तुमको रिझा कर तू जाने या मैं जानू
सोनू करे बस चर्चा तुम्हारी और ना गुण कोई ख़ास है
काबिल हुआ हूँ गुण तेरे गाकर तू जाने या मैं जानू
मिलता है क्या तुमको रिझा कर तू जाने या मैं जा
Tumhare hain Hum | by Sona Jadhav
itana to do kanhaiya haq kam se kam
kah sake zamaane ko tumhaare hain ham
itana to do kanhaiya
ye maana ke meera sa na prem atal hai
na arjun vidur sa bharosa prabal hai
na mitr sudaama ke jaise hain karam
itana to do kanhaiya
prahlaad dhruv jaisee na maasoom bhakti
narasee na surajan vo bhaav mein shakti
na rasakhaan jaisa hamaara janam
itana to do kanhaiya ................
pada vaqt gaj pe to nange paanv aaye
pukaara jo draupadee ne sari badh dikhae
nirbal hoon main baaba nirbal hoon main shyaam tujhase hai dam
itana to do kanhaiya ................
na paaras na sona na hoon koee heera
main gopaalee paagal na sant kabeera
bane daas sonoo tera har janam
itana to do kanhaiya ................