कहानी | by Kamal Kanha Sukhwani
मेरे दर्द की कहानी मेरे सांवरे से पूछो
होगी जान के हैरानी मेरे सांवरे से पूछो
मेरे दर्द की कहानी ...................
थामी कलाई मेरी फिर गिरने ना दिया है
था माला सा मैं टूटा खुद तार पो दिया है
उस हार की कहानी जिसने नहीं है जानी मेरे सांवरे से पूछो
मेरे दर्द की कहानी ...................
ऊँगली पकड़ के मेरी मुझे चलना है सिखाया
था रास्ता भी मुश्किल फिर भी नहीं झुकाया
उन राहों की कहानी जिसने नहीं है जानी मेरे सांवरे से पूछो
मेरे दर्द की कहानी ...................
विक्की नहीं था काबिल फिर भी गले लगाया
फर्श से उठा के कान्हा फिर अर्श पे बिठाया
उस दूरी की कहानी जिसने नहीं है जानी मेरे सांवरे से पूछो
मेरे दर्द की कहानी ...................
Kahani | by Kamal Kanha Sukhwani
Mere Dard Ki Kahani Mere Sanwre Se Pucho
Hogi Jaan Ke Hairani Mere Sanwre Se Pucho
Mere Dard Ki Kahani………….
Thaami Kalayi Meri Phir Girne Na Diya
Tha Mala Se Main Toota, Khud Taar Po Diya
Us Haar Ki Kahani Jisne Nahi Hai Jaani, Mere Sanwre Se Pucho
Mere Dard Ki Kahani…………
Ungli Pakad Ke Meri Mujhe Chalna Hai Sikhaya
Tha Raasta Bhi Mushkil, Phir Bhi Nahi Jhukaya
Un Raahon Ki Kahani, Jisne Nahi Hai Mere Sanwre Se Pucho
Mere Dard Ki Kahani…………
Vicky Nahi Tha Qaabil, Phir Bhi Gale Lagaya
Farsh Se Utha Ke Kanha , Phir Arsh Pe Bithaya
Us Doori Ki Kahani, Jisne Nahi Hai Jaani, Mere Sanwre Se Pucho
Mere Dard Ki Kahani…………