कान्हा आ जाओ ब्रज में | By Pandit Vandana Sargam
थक गई आँखें देखते देखते राह तिहारी श्याम
अब तो आ जाओ ब्रज में ओ मुरलीधर श्याम
कान्हा आ जाओ ब्रज में तुझे तेरी राधा पुकारे
रो रो कर तेरी राह निहारे निसदिन सांझ सखा रे
कान्हा आ जाओ ब्रज में तुझे तेरी राधा पुकारे
कान्हा आ जाओ कान्हा आ जाओ
आके ना जाओ कान्हा आ जाओ
कान्हा आ जाओ ब्रज में ...................
बरसाने से वृन्दावन तक ब्रज गोकुल से जमुना तट तक
दौड़ लगाए राधा पूछे किसी ने कान्हा को देखा रे देखा रे देखा रे
कान्हा आ जाओ ब्रज में ...................
जबसे गए तुम ब्रज को छोड़ कर रह गई राधा जोगन होकर
देख सको तो देख लो आके कान्हा राधा हो गयी तुझ बिन क्या से क्या रे
कान्हा आ जाओ ब्रज में ...................
जिनके माखन तूने चुराए जिनको चीर चुराके सताये
जिनकी गगरी तूने फोड़ी वो भी कहते रहते कान्हा आजा आजा आजा रे
कान्हा आ जाओ ब्रज में ...................
Kanha Aa Jao Brij Mein | By Pandit Vandana Sargam
Thak Gayi Aankhen Dekhte Dekhte Raah Tihari Shyam
Ab To Aa Jao Braj Mein O Murlidhar Shyam
Kanha Aa Jao Braj Mein Tujhe Teri Radha Pukare
Ro Ro Kar Teri Raah Nihare Nisdin Saanjh Sakha Re
Kanha Aa Jao Braj Mein Tujhe Teri Radha Pukare
Kanha Aa Jao, Kanha Aa Jao
Aake Na Jao Kanha Aa Jao
Kanha Aa Jao Braj Mein ……….
Barsane Se Vrindavan Tak, Braj Gokul Se Yamuna Tatt Tak
Daud Lagaye Radha Puche, Kisi Ne Kanha Ko Dekha Re Dekha Re Dekha Re
Kanha Aa Jao Braj Mein ……….
Jabse Gaye Tum Braj Ko Chhod Kar Reh Gayi Radha Jogan Hokar
Dekh Sako To Dekh Lo Aake Kanha Radha Ho Gayi Tujh Bin Kya Se Kya Re
Kanha Aa Jao Braj Mein ……….
Jinke Makhan Tune Churaye, Jinko Cheer Churake Sataye
Jinki Gagri Tune Phodi Wo Bhi Kehte Rahete Kanha Aaja Aaja Aaja Re
Kanha Aa Jao Braj Mein ……….