गिरते हुए को श्याम धणी क्या | By Shyam Salona
गिरते हुए को श्याम धणी क्या अपने गले लगाओगे
कोई नहीं जो मुझे थाम ले, क्या तुम हाथ बढ़ाओगे
गिरते हुए को ...........
है खुदगर्ज़ी मेरी बाबा विपदा पड़ी तब याद किया
बिलख बिलख कर रोया दर पे तुझसे ही फरियाद किया
खूब रो लिया दास ये तेरा, क्या तुम ज़रा हंसाओगे
गिरते हुए को ...........
अपना समझ कर कोई नहीं जो मुझको सहारा दे पाए
आकर मेरी बांह पकड़ ले साथ हमारा दे पाए
बेगाने हैं लोग यहाँ पर, क्या तुम मुझे अपनाओगे
गिरते हुए को ...........
जीवन डोरी थाम लो मेरी जैसे चाहे हिलाओ तुम
सुख दुःख माधव हंस के सहेगा जैसा हमें नचाओ तुम
वादा करो बस श्याम ये हमसे, छोड़ नहीं तुम जाओगे
गिरते हुए को ...........
Girte Hue Ko Shyam Dhani Kya | By Shyam Salona
Girte Hue Ko Shyam Dhani Kya Apne Gale Lagaoge
Koi Nahi Jo Mujhe Thaam Le, Kya Tum Haath Badhaoge
Girte Hue Ko…………
Hai Khudgarzi Meri Baba, Vipda Padi Tab Yaad Kiya
Bilakh Bilakh Kar Roya Dar Pe, Tujhse Hi Fariyad Kiya
Khob Ro Liya Daas Ye Tera, Kya Tum Zara Hansaoge
Girte Hue Ko…………
Apna Samajh Kar Koi Nahi Jo, Mujhko Sahara De Paye
Aakar Meri Baanh Pakad Le, Saath Hamara De Paye
Begaane Hain Log Yahan Par, Kya Tum Mujhe Apnaoge
Girte Hue Ko…………
Jeevan Dori Thaam Lo Meri, Jaise Chahe Hilaao Tum
Sukh Dukh Madhav Hans Ke Sahega, Jaisa Hame Nachao Tum
Vada Karo Bas Shyam Ye Humse, Chhod Nahi Tum Jaoge
Girte Hue Ko…………