चाहे खुशियां दे या ग़म | by Pankaj Bansal
मुझे जो देंगे मेरे श्याम सर झुका कर मैं लूंगा
चाहे खुशियां दे या ग़म मुस्कुरा कर मैं लूंगा
मुझे तो मेरा श्याम देगा जो सही है
जीवन मेरा तेरे ही हवाले रहे
मुझको यूँ सदा तू ही संभाले रहे
कैसे बाबा तेरा शुकराना करूँ
तेरे ही सहारे मैं गुज़ारा करूँ
गुज़ारा करूँ ...............
हर पल यूँ ही तेरा गुण गाकर मैं लूंगा
चाहे खुशियां दे या ग़म मुस्कुरा कर मैं लूंगा
मुझे तो मेरा श्याम देगा जो सही है
देर ही सही पर होता भला
संकट के आगे मेरे बाबा खड़ा
जब जब देता करता हिसाब नहीं
तेरी कृपा का बाबा जवाब नहीं
जवाब नहीं ...............
तेरे आगे झोली को फैला कर मैं लूंगा
चाहे खुशियां दे या ग़म मुस्कुरा कर मैं लूंगा
मुझे तो मेरा श्याम देगा जो सही है
चिंता ना अब कोई फिकर मुझे
पल पल की है मेरी खबर तुझे
झुमु नाचूं गाऊं मैं तो मौज करूँ
कृपा से ये तेरी मैं तो रोज़ करूँ
मैं रोज़ करूँ .................
राखी संग बाबा को रिझाकर मैं लूंगा
चाहे खुशियां दे या ग़म मुस्कुरा कर मैं लूंगा
मुझे तो मेरा श्याम देगा जो सही है
Chahe Khushiyan De Ya Gham| by Pankaj Bansal
Mujhe Jo Denge Mere Shyam Sar Jhuka Kar Main Lunga
Chahe Khushiyan De Ya Gam Muskura Kar Main Lunga
Mujhe To Mera Shyam Dega Jo Sahi Hai
Jeevan Mera Tere Hi Hawale Rahe
Mujhko Yun Sada Tu Hi Sambhale Rahe
Kaise Baba Tera Shukrana Karu
Tere Hi Sahare Main Guzara Karu
Guzara Karu……………
Har Pal Yun Hi Tera Gun Gaakar Main Lunga
Chahe Khushiyan De Ya Gam Muskura Kar Main Lunga
Mujhe To Mera Shyam Dega Jo Sahi Hai
Der Hi Sahi Par Hota Bhala
Sankat Ke Aage Mera Baba Khada
Jab Jab Deta Karta Hisab Nahi
Teri Kripa Ka Baba Jawab Nahi
Jawab Nahi…………
Tere Aage Jholi Ko Phaila Kar Main Lunga
Chahe Khushiyan De Ya Gam Muskura Kar Main Lunga
Mujhe To Mera Shyam Dega Jo Sahi Hai
Chinta Na Ab Koi Fikar Mujhe
Pal Pal Ki Hai Meri Khabar Tujhe
Jhumu Naachu Gaaun Main To Mauj Karu
Kripa Se Ye Teri Main To Roz Karu
Main Roz Karu…………..
Rakhi Sang Baba Ko Rijhakar Main Lunga
Chahe Khushiyan De Ya Gam Muskura Kar Main Lunga
Mujhe To Mera Shyam Dega Jo Sahi Hai