चौखट पर बाबा तेरी | By Hari Sharma
चौखट पे बाबा तेरी मैं आज खड़ा रे
बनके भिखारी मैं तो तेरे द्वार पड़ा रे
द्वार पड़ा रे मैं तो द्वार पड़ा रे
चौखट पे बाबा तेरी ........
विनती मेरी बाबा तू क्यों बिसरावे
भगत खड़ा है दर पे तेरे क्यूँ देर लगावे
जीवन है सौंपा तुमको कोई ना सहारा रे
कोई ना सहारा रे .........
कोई ना सहारा रे .........
चौखट पे बाबा तेरी ......
मन की बाता मैं बोलो किसको सुनाऊ
तू ना सुने तो बाबा फिर किस दर मैं जाऊं
किस्मत की रेखा बाबा तू ही बनाये रे
तू ही बनाये रे बाबा तू ही बनाये
चौखट पे बाबा तेरी ......
बिगड़ी हुई को बाबा तू ही संभाले
बिखरा जीवन मेरा तू ही सँवारे
सरल की सांसें बाबा तू ही चलाये रे
तू ही चलाये रे बाबा तू ही चलाये
चौखट पे बाबा तेरी ......
Chaukhat Par Baba Teri | By Hari Sharma
Chaukhat Pe Teri Baba Main Aaj Khada Re
Banke Bhikhari Main To Tere Dwar Pada Re
Dwar Pada Re Main To Dwar Pada Re
Chaukhat Pe Teri Baba…………
Vinti Meri Baba Tu Kyun Bisrave
Bhagat Khada Hai Dar Pe Tere, Kyun Der Lagave
Jeevan Hai Saunpa Tumko, Koi Na Sahara Re
Koi Na Sahara Re……….
Koi Na Sahara Re……….
Chaukhat Pe Teri Baba………..
Man Ki Baata Main Bolo Kisko Sunau
Tu Na Sune To Baba Phir Kis Dar Main Jaaun
Kismat Ki Rekha Baba Tu Hi Banaye Re
Chaukhat Pe Teri Baba………..
Bigdi Hui Ko Baba Tu Hi Sambhale
Bikhra Jeevan Mera Tu HI Sanvaare
Saral Ki Saansein Baba Tu Hi Chalaye Re
Tu Hi Chalaye Re Baba Tu Hi Chalaye Re
Chaukhat Pe Teri Baba………..