फागण की रुत | by Sakshi Agarwal
फागण की रुत ये लाइ बहार
मन में उमंगें छाई अपार
प्यारा ये नज़ारा है मेरे सांवरे
झूमे जग सारा है मेरे सांवरे
आ गए हम बाबा तेरी चौखट पे तुझको मनाने
मांगने ना आये आये थोड़ा सा रंग लगाने
रंगो से लाल करें चेहरा ये तुम्हारा है मेरे सांवरे
झूमे जग सारा है मेरे सांवरे
सुन सुनाई देती ढोल ढपली की तान सुहानी
तू भी आजा बाबा मत कर श्याम तू मनमानी
आज तेरे भक्तों ने तुझको पुकारा है मेरे सांवरे
झूमे जग सारा है मेरे सांवरे
सोच ले कन्हैया ये मौका दोबारा ना आये
प्रेमियों को अपने बोल कान्हा क्यों इतना सताये
देख ज़रा शिवम् ये लाल तुम्हारा है मेरे सांवरे
झूमे जग सारा है मेरे सांवरे
Fagan Ki Rut | by Sakshi Agarwal
Fagan Ki Rut Ye Laayi Bahar
Man Mein Umange Chhayi Apaar
Pyara Ye Nazara Hai Mere Sanwre
Jhoome Jag Sara Hai Mere Sanwre
Aa Gaye Hum Baba Teri Chaukhat Pe Tujhko Manane
Maangne Na Aaye, Aaye Thoda Sa Rang Lagane
Rango Se Lal Kare Chehra Ye Tumhara Hai Mere Sanwre
Jhoome Jag Sara Hai Mere Sanwre
Sun Sunayi Deti Dhol Dhapli KI Taan Suhani
Tu Bhi Aaja Baba, Mat Kar Shyam Tu Manmaani
Aaj Tere Bhakton Ne Tujhko Pukara Hai Mere Sanwre
Jhoome Jag Sara Hai Mere Sanwre
Soch Le Kanhaiya Ye Mauka Dobara Na Aaye
Premiyon Ko Apne Bol, Kanha Kyun Itna Sataye
Dekh Zara Shivam Ye Lal Tumhara Hai Mere Sanwre
Jhoome Jag Sara Hai Mere Sanwre