मंदिर में है श्याम | By Vikram Ajuba Chawla
मंदिर में है श्याम अकेला हमको खाटू जाने दो
लेने तो अब हाल धणी का, और अपना बतलाने दो
मंदिर में है श्याम अकेला ............
कितने दिनों से एक पिता ना बच्चो से मिल पाया है
दूर ही बैठे श्याम ने अपना सारा फ़र्ज़ निभाया है
हम बच्चों क़ो अपने पिता के हिवड़े से लग जाने दो
मंदिर में है श्याम अकेला ............
पहले तो हर ग्यारस पे हम श्याम से मिलके आते थे
कुछ यादें मन में भरके कुछ हल्का कर लाते थे
रोती आँखें दरस की प्यासी, नैन से नैन मिलाने दो
मंदिर में है श्याम अकेला ............
जिसकी चौखट हर हारे क़ो मिलता रहा सहारा है
जिसके मंदिर की सीढ़ी चढ़ होता रहा गुज़ारा है
बंद पड़े हैं द्वार वो कबसे, कहता सचिन खुल जाने दो
मंदिर में है श्याम अकेला ............
Mandir Mein Hai Shyam Akela | By Vikram Ajuba Chawla
Mandir Mien Hai Shyam Akela Humko Khatu Jaane Do
Lene Do Ab Haal Dhani Ka, Aur Apna Batlaane Do
Mandir Mein Hai Shyam Akela………….
Kitne Dino Se Ek Pita Na Bachchon Se Mil Paya Hai
Door Hi Baithe Shyam Ne Apna Sara Farz Nibhaya Hai
Hum Bachchon Ko Apne Pita Ke Hivde Se Lag Jaane Do
Mandir Mein Hai Shyam Akela………….
Pehel To Har Gayaras Pe Hum Shyam Se Milke Aate The
Kuch Yaadien Man Mein Bharke, Kuch Halka Kar Laate The
Roti Aankhein Daras Ki Pyasi, Nain Se Nain Milaane Do
Mandir Mein Hai Shyam Akela………….
Jiski Chaukhat Har Haare Ko Milta Raha Sahara Hai
Jiske Mandir Ki Seedhi Chadh Hota Raha Guzara Hai
Band Pade Hain Dwar Wo Kabse, Kehta Sachin Khul Jaane Do
Mandir Mein Hai Shyam Akela………….