मैं ना हारूंगा तेरे रहते हुए | By Ashish Sharma
बड़ा गर्व है ये मुझे कहते हुए
मैं ना हारूंगा तेरे रहते हुए
तेरे रहते हुए ..........
जब भी तुझे है पुकारा
जीवन को तूने संवारा
मझधार में जो घिरने लगा तो
आकर के मुझको निकाला
तेरे बिन मैं तो कुछ ना प्रभु
तेरे एहसान मैं कैसे कहूं
आंसू पोंछे हैं तूने बहते हुए
तूने बहते हुए.......
हारे के तुम हो सहारे
हार के हमने था जाना
पाई जो तेरी दया तो
बाबा तुझे मैंने माना
दुःख जितने जहाँ ने दिए
तूने बाबा सभी हर लिए
सीना चौड़ा हुआ ये कहते हुए
ये कहते हुए..........
अब एक विनती यही है
तुमसे मेरे श्याम प्यारे
रंग जो चढ़ा तेरा मुझपे
उतरे किसी के ना उतारे
सारा जीवन मेरा प्रभु
तेरी सेवा में सौंप दूँ
हरी प्राण तजूं यही कहते हुए
यही कहते हुए..........
Mai Na Harunga Tere Rehte Hue | By Ashish Sharma
Bada Garv Hai Ye Mujhe Kehte Hue
Main Naa Haarunga Tere Rehte Hue
Tere Rehte Hue…………
Jab Bhi Tujhe Hai Pukara
Jeevan Ko Tune Sanvaara
Majhdhaar Mein Jo Ghirne Laga To
Aakar Ke Mujhko Nikala
Tere Bin Main To Kuch Na Prabhu
Tere Ehsaan Main Kaise Kahun
Aansu Ponche Hai Tune Behte Hue
Tune Behte Hue…………
Haare Ke Tum Ho Sahare
Haar Ke Humne Tha Jaana
Paayi Jo Teri Daya To
Baba Tujhe Maine Maana
Dukh Jitne Jahan Ne Diye
Tune Baba Sabhi Har LIye
Seena Chauda Hua Ye Kehte Hue
Ye Khete Hue………..
Ab Ek Vinti Yahi Hai
Tumse Mere Shyam Pyare
Rang Jo Chadha Tera Mujhpe
Utre Kisi Ke Na Utaare
Sara Jeevan Mera Prabhu
Teri Sewa Mein Saunp Doon
Hari Pran Taju Yahi Kehte Hue
Yahi Kehte Hue……….