मैं हार गया जग से | by Surpreet Sunny
मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है
दुनिया से सुना है तू हारे का सहारा है
हारे का सहारा है ..........
मैं हार गया जग से............
मैं रात अमावस की तुम सुख का सवेरा हो
तेरे बिन सुनता नहीं कोई दुःख मेरा हो
कोई दुःख मेरा हो ..........
तू सुनता है सबकी मुझसे क्यों किनारा है
दुनिया से सुना है तू हारे का सहारा है
हारे का सहारा है ..........
मैं हार गया जग से............
ये कैसा भंधन है ये कैसा नाता है
हर पल तू यादों में आता और जाता है
आता और जाता है ..........
तेरी सांवरी सूरत को अब मन में उतारा है
दुनिया से सुना है तू हारे का सहारा है
हारे का सहारा है ..........
मैं हार गया जग से............
दुनिया की खा ठोकर दर तेरे आया हूँ
सर पर अब हाथ धरो मैं बहुत सताया हूँ
मैं बहुत सताया हूँ ...........
प्रवीण का तेरे बिन पल भर ना गुज़ारा है
सनी का तेरे बिन पल भर ना गुज़ारा है
दुनिया से सुना है तू हारे का सहारा है
हारे का सहारा है ..........
मैं हार गया जग से............
Main Haar Gaya Jag Se | by Surpreet Sunny
Main Haar Gaya Jag Se Ab Tumko Pukara Hai
Duniya Se Suna Hai To Haare Ka Sahara Hai
Haare Ka Sahara Hai…………..
Main Haar Gaya Jag Se……………
Main Raat Amavas Ki Tum Sekh Ka Savera Ho
Tere Bin Sunta Nahi Koi Dukh Mera Ho
Koi Dukh Mera Ho…………….
Tu Sunta Hai Sabki Mujhse Kyun Kinara Hai
Duniya Se Suna Hai To Haare Ka Sahara Hai
Haare Ka Sahara Hai…………..
Main Haar Gaya Jag Se……………
Ye Kaisa Bandhan Hai Ye Kaisa Naata Hai
Har Pal Tu Yaadon Mein Aata Aur Jata Hai
Aata Aur Jata Hai………….
Teri Sanwri Surat Ko Ab Man Mein Utaara Hai
Duniya Se Suna Hai To Haare Ka Sahara Hai
Haare Ka Sahara Hai…………..
Main Haar Gaya Jag Se……………
Duniya Ki Kha Thokar Dar Tere Aaya Hoon
Sar Par Ab Haath Dharo Main Bahut Sataya Hoon
Main Bahut Sataya Hoon……………
Praveen Ka Tere Bin Pal Bhar Na Guzara Hai
Sunny Ka Tere Bin Pal Bhar Na Guzara Hai
Duniya Se Suna Hai To Haare Ka Sahara Hai
Haare Ka Sahara Hai…………..
Main Haar Gaya Jag Se……………