श्याम की अदालत में | by Sandeep Bansal
हर एक हारे का है सहारा सबके लिए सांवरे का है द्वारा
जिसने भी मुश्किल में मन से पुकारा उसकी मदद को मेरा श्याम प्यारा
लीले पे होक सवार आता है
श्याम की अदालत में अर्ज़ी जो लगाता है
हारी हुई बाज़ी भी वो प्राणी जीत जाता है
जो आ गया सांवरे की शरण में
हारा कभी ना वो जीवन के रण में
पग पग पे वो जीत ही पाता है
श्याम की अदालत में अर्ज़ी जो लगाता है
हारी हुई बाज़ी भी वो प्राणी जीत जाता है
है जिसके संग तीन बाणो का धारी
उसका बिगाड़ेगा क्या दुनिया सारी
जिसका मेरे श्याम से नाता है
श्याम की अदालत में अर्ज़ी जो लगाता है
हारी हुई बाज़ी भी वो प्राणी जीत जाता है
हाँ ये अदालत सबसे बड़ी है
दुनिया यहाँ सर झुकाये खड़ी है
संदीप सबको ये समझाता है
श्याम की अदालत में अर्ज़ी जो लगाता है
हारी हुई बाज़ी भी वो प्राणी जीत जाता है
Shyam Ki Adalat Mein | by Sandeep Bansal
Har Ek Haare Ka Hai Sahara
Sabke Liye Sanwre Ka Hai Dwara
Jisne Bhi Mushkil Mein Man Se Pukara
Uski Madad Ko Mera Shyam Pyara
Leele Pe Hoke Sawaar Aata Hai
Shyam Ki Adalat Mein Arzi Jo Lagata Hai
Haari Hui Baazi Bhi Wo Prani Jeet Jata Hai
Jo Aa Gaya Sanwre Ki Sharan Mein
Haara Kabhi Naa Wo Jeevan Ke Ran Mein
Pag Pag Wo Jeet Hi Paata Hai
Shyam Ki Adalat Mein…………….
Hai Jiske Sang Tten Baano Ka Dhaari
Uska Bigaadegi Kya Duniya Saari
Jiska Mere Shyam Se naata Hai
Shyam Ki Adalat Mein…………….
Haan Ye Adalat Sabse Badi Hai
Duniya Yahan Sar Jhukaye Khadi Hai
Sandeep Sabko Ye Samjhaata Hai
Shyam Ki Adalat Mein…………….