सागर में नैया | By Lalit Bhardwaj
सागर में नैया कृष्ण कन्हैया
डूबती नैया के प्रभु तुम हो खिवैया
सागर में नैया..........
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है
किसको पुकारू कोई तुझसा नहीं है
निर्बल के इस दुनिया में तुम ही सहारे
सागर में नैया..........
झूठी है दुनिया झूठा ज़माना
मैं तो हूँ कान्हा तेरा दीवाना
देर करो ना सुनलो राधा के प्यारे
सागर में नैया..........
कितनो को कान्हा तुम देते सहारा
थक सा गया हूँ मैं भी दुनिया से हारा
देख खड़ा हूँ तेरे दर के किनारे
सागर में नैया..........
गलती ललित की पहले ना आया
अपनों को कान्हा मैंने खूब आज़माया
मतलबा की इस दुनिया में तुम ही हमारे
सागर में नैया..........
Sagar Mein Naiya | By Lalit Bhardwaj
Sagar Mein Naiya Krishna Kanhaiya
Doobti Naiya Ke Prabhu Tum Ho Khivaiya
Sagar Mein Naiya…………..
Tere Siwa Mere Koi Nahi Hai
Kisko Pukaru Koi Tujhsa Nahi Hai
Nirbal Ke Is Duniya Mein Tum Hi Sahare
Sagar Mein Naiya…………..
Jhoothi Hai Duniya Jhootha Zamana
Main To Kanha Tera Deewana
Der Karo Na Sunlo Radha Ke Pyare
Sagar Mein Naiya…………..
Kitno Ko Kanha Tum Dete Sahara
Thak Sa Gaya Hoon Main Bhi Duniya Se H aara
Dekh Khada Hoon Tere Dar Ke Kinare
Sagar Mein Naiya…………..
Galti Lalit Ki Pehle Na Aaya
Apno Ka Kanha Maine Khoob Aazmaya
Matlab Ki Is Duniya Mein Tum Hi Hamare
Sagar Mein Naiya…………..